कुंडली के गुण हमारे कम ही खाएं मेल फिर भी।
प्रेम और विश्वास से, मेरा सुखद परिणय रहा है!
🥀 हां सुखद परिणय रहा है।।
हम अपरिचित थे मगर मन्तव्य मेरा मिल रहा था।
लग रहा था साथ यूं पहले भी बीते कल रहा था।।
इस अनोखी पटकथा में,हां सफल अभिनय रहा है।।
प्रेम और विश्वास से, मेरा सुखद परिणय रहा है।।
🥀 हां सुखद परिणय रहा है।।
स्वपन से जीवन था पूरित,पग अपेक्षा से बढ़े थे।
कल्पनाओं से भरे जीवन सफर में चल पड़े थे।।
कुछ अधुरे शेष पूरे, सौम्य समन्वय रहा है।।
प्रेम और विश्वास से,मेरा सुखद परिणय रहा है!
🥀 हां सुखद परिणय रहा है।।
सात फेरों से बंधा यह सात जन्मों का है बंधन।
धूप- छांव से निखरकर बन गया रिश्ता है चंदन ।।
सत्यनिष्ठा की परीक्षा,का पूर्ण अनुनय रहा है।।
प्रेम और विश्वास से,मेरा सुखद परिणय रहा है!
🥀 हां सुखद परिणय रहा है।।
एड.तृषा पीयूष त्रिवेदी
उत्तर प्रदेश।
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