महराजगंज,जौनपुर ।
क्षेत्र के केवटली महराजगंज में स्थित बीआरसी के बगल चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आठवें दिन अयोध्या से पधारे कथा व्यास निर्मल शरण महराज ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराया। उन्होंने प्रसंग में ईश्वर और जीव के बीच का भेद सुनाया । कथा व्यास ने कहा कि मर्यादा भगवान पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र पंचवटी पहुंचकर सुंदर सी कुटिया का निर्माण करते हैं,और लक्ष्मण जी को ईश्वर और जीव के बीच का भेद का वर्णन सुनाते हैं।
उसी समय रावण की बहन सूर्पणखा वहां आ जाती है। प्रभु श्री रामचंद्र को देखकर सूर्पणखा मोहित हो जाती है और रामचंद्र जी से विवाह का प्रस्ताव रखती है। रामचंद्र जी उसे लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। लक्ष्मण भी विवाह करने से मना कर देते हैं। क्रोध में आकर सूर्पणखा अपना भयंकर रूप धारण करके सीता को डराती और धमकाती है। गुस्से में आकर लक्ष्मण जी सूर्पणखा के नाक और कान काट लेते हैं।
सूर्पणखा रोती बिलखती खर-दूषण के पास पहुंचती है, और उन्हें सारा हाल बताती है। खर - दूषण सेना सहित श्री रामचंद्र से युद्ध करने के लिए पहुंचते हैं। श्री रामचंद्र, सीता जी को अग्नि में प्रवेश करा देते हैं। खर - दूषण पर भी रामचंद्र ने एक माया का बाण चलाया। उसे एक दूसरे में राम ही राम दिखने लगे जिससे खरदूषण ओर उसके सभी साथी मारे गए। व्यास ने कहा कि सूर्पणखा रोते हुए रावण के पास पहुंचती है।
रावण सूर्पणखा का उपचार कराता है। और मारीच को सोने का मृग बनाकर पंचवटी पहुंचाता है। सीता जी ने उसे देखा तो राम जी से निवेदन किया कि कितना सुंदर हिरण है, ये मुझे चाहिए। रामचंद्र जी हिरण के पीछे पीछे बहुत दूर तक चले जाते हैं, और रामचंद्र जी एक ही बाण से हिरण को मार देते हैं।
मारीच मरते मरते राम जी की आवाज़ में बोलता है। लक्ष्मण रक्षा के लिए दौड़ते हैं। पीछे से रावण ने संत का वेष धारण करके सीता का हरण कर लिया। रामजी लक्ष्मण को आता देखकर चिंता में पड़ जाते हैं। दौड़े-दौड़े कुटिया में जाते हैं। लेकिन कुटिया में सीता नहीं होती हैं। इधर रावण सीता को बचाने आए जटायु के भी पंख काट देता है। व्यास निर्मल शरण जी महाराज की संगीत मयी कथा का श्रवण करने के दौरान भारी संख्या में जुटे श्रोता भावविभोर जाते हैं। कथा आयोजन पूर्व प्रधान नंदलाल मोदनवाल नंदा ने दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। कथा आयोजन में अपने परिजनों के साथ क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तियों एवं पत्रकारों को अंग वस्त्र व भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर अखिलेश चंद्र मिश्र ,आचार्य अरुण दुबे ,खजांची लाल मोदनवाल, अशोक मोदनवाल , जय नारायण दुबे ,धर्मराज मिश्र , राजकमल मिश्र ,अमित पाण्डेय ,शशि जायसवाल , अखिलेश यादव ,हुबलाल यादव , सुनील मिश्रा ,राजेंद्र प्रसाद सिंह , सुनील पांडे आदि लोग मौजूद थे।