बाबा मुझे ब्याह नहीं रचाना
लाल जोड़ा मेहंदी नहीं लगाना
पढ़ लिख कर कुछ हुनर सीख कर
अपने लिए चुनरी खुद है बनाना
बाबा मुझे भीख नहीं माँगना
बाबा मुझे ब्याह नहीं रचाना
सुख दुःख की परिभाषा ना पता
ग़र हो गई कोई मुझसे ख़ता
बाबा मुझे ताने नहीं है सुनना
बाबा मुझे ब्याह नही रचाना
बिका हुआ दूल्हा मुझे ना भाता
अपने दम पर भरूँ मैं खाता
तेरी जीवन की पूँजी ना मुझे लुटाना
बाबा मुझे ब्याह नहीं रचाना
दिव्या ओझा