अरमान पूरा दीं
हमार कुल्ह अरमान,पूरा दीं ए माई,
राउर नेकी दीपक,कबो ना भुलाई।
देखी हालात ,हमार मज़बूरी,
सभे हमसे ,बनवले बा दूरी।
हमार हँसल घर,बसा दीं ए माई..
राउर नेकी दीपक,कबो ना भुलाई।
खोलीं आँख देखीं,भक्त बाटे खाड़ा,
दुनिया के डर से,खमिया के आडा।
हमके अपना लगे,बुला लीं ए माई..
राउर नेकी दीपक,कबो ना भुलाई।
दीपक तिवारी
श्रीकरपुर,सिवान।
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